भारत का राष्ट्रपति भाग 3(The president of India part 4 )
भारत का राष्ट्रपति भाग 3 कल हमने पढ़ा था निर्वाचन मंडल कोटा कैसे निर्धारित की जाती है और साथ में सांसदों का मत मूल्य और विधायकों का मत मूल्य कैसे निकाला जाता है आज हम बात करने वाले हैं दो-तीन टॉपिक पर जिस में शामिल है
राष्ट्रपति के शपथ
राष्ट्रपति का कार्यकाल
राष्ट्रपति के विशेषाधिकार
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इसमें फर्स्ट में हम चर्चा करेंगे
राष्ट्रपति की शपथमें
आर्टिकल 60
राष्ट्रपति के शपथ का उल्लेख है राष्ट्रपति संविधान की रक्षा और लोगों की कल्याण की शपथ लेता है
भारत के राष्ट्रपति को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शपथ दिलाते हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश राष्ट्रपति को शपथ दिलाता है आर्टिकल इस बात का बखूबी उल्लेख करता है यह शपथ समारोह 25 जुलाई को रखा जाता है और यह बात संविधान में उल्लेखित नहीं है कि 25 जुलाई में ही राष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाना बलिक कारण क्या है 1977 में राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी भारत के नए राष्ट्रपति बने थे और यह एकमात्र निर्विरोध राष्ट्रपति हैं थे उन्होंने 25 जुलाई को शपथ ली थी इसके बाद से ही सभी राष्ट्रपति को 25 जुलाई को ही शपथ दिलाया जाता है
के बारे में जिसको इंग्लिश में Tenyor भी बोला जाता है इस बात का उल्लेख हमें आर्टिकल 56 में बखूबी से देखने को मिलता है राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होगी किसी भी कारणवश यदि राष्ट्रपति 5 वर्ष की अवधि से पहले या तो वह इस्तीफा दे दें या अचानक किसी कारणवश मृत्यु हो जाने या महाभियोग द्वारा हटा दिए जाने ऐसी स्थिति में चुनाव 6 महीने के अंदर करवाने होते हैं इस बात का भी उल्लेख आर्टिकल में है
राष्ट्रपति का वेतन भत्ता व पेंशन संशोधन अधिनियम 2008
के अनुसार डेढ़ लाख रुपया
लेकिन वर्तमान में 500000 है यह वेतन भारत के संचित निधि यानी कि Consolidated fund of india से दिया जाता है राष्ट्रपति के वेतन पर इनकम टैक्स नहीं होता आर्टिकल 594 इस बात का भी उल्लेख करता है कि भाजपा व उपलब्धियों में कोई कटौती नहीं की जाएगी
राष्ट्रपति का कराया गया पुनः चुनाव शेष अवधि लिए नहीं कराया जाता जैसे सरपंच का लोकसभा मेंबर का होता है ऐसा नहीं राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरे होने से पहले ही राष्ट्रपति का चुनाव आयोग चुनाव करवाता है और जब तक नए राष्ट्रपति शपथ नहीं ले लेता तब तक वह पुराना राष्ट्रपति कार्य करता है इस बात का भी उल्लेख आर्टिकल 56 में है अब हम बात करते हैं
आर्टिकल 57 क्या कहते हैं भारत का राष्ट्रपति कोई भी व्यक्ति कितनी बार राष्ट्रपति बन सकता है इसमें कोई limitebनहीं है लेकिन
आर्टिकल 65
राष्ट्रपति का पद खाली हो जाने पर उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति का कार्यभार देता है कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है राष्ट्रपति अपना इस्तीफा उपराष्ट्रपति को देते हैं इसकी सूचना सबसे पहले लोकसभा के अध्यक्ष को दी जाती हैं यह सूचना उपराष्ट्रपति सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष को इसकी सूचना देते हैं क्योंकि लोकसभा लोगों का सदन है लोकसभा को यह पता होना चाहिए कि देश का सर्वोच्च पद रिक्त हो गया है उपराष्ट्रपति राज्यसभा को दो पदेन सभापति है इसका मतलब राज्यसभा को से सूचना पता है
अब हम बात करने वाले हैं
राष्ट्रपति के विशेषाधिकार
के बारे में राष्ट्रपति संसद विनायक आर्टिकल 14 के अपवाद है
आर्टिकल 361
राष्ट्रपति की विशेष अधिकार देता है भारत का कोई भी court राष्ट्रपति के पद पर होते हुए उन्हें भी नोटिस जारी नहीं कर सकती Rashtrapati ke viruddh
फौजदारी और दीवानी मामलों में कार्यवाही नहीं हो सकती फौजदारी हत्या वाला केस
दीवानी विवाद संबंधी कार्यवाही नहीं की जा सकती है दीवानी मामला जैसे हड़प लेना विवाद संबंधी मामला उत्तराधिकारी मामला पर कार्यवाही नहीं की जा सकती
आर्टिकल 361
इस बात का बखूबी उल्लेख करता है दीवानी यह सिविल मामले में The nature of complement अपना नाम यानी शिकायतकर्ता का नाम उसका पता की जानकारी दो महीने पहले राष्ट्रपति को इसकी सूचना देनी होगी और इस तरह दीवानी मामले में राष्ट्रपति से पूछ सकते हैं
ओके दोस्तों जल्द ही नए पोस्ट में मिलेंगे राष्ट्रपति के चौथे भाग पर जिसमें हम बात करेंगे राष्ट्रपति को हटाने की विधि या महाभियोग के बारे में और साथ ही हम बात करेंगे राष्ट्रपति के कार्यपालिका शक्तियां तब तक अपना ख्याल रखिए ग्रुप एडमिन ,........... Pk25ng
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Give me only suggestions and your opinion no at all Thanx