संसदीय समिति( Parliament Committee)
यह दो प्रकार के होते हैं
- 1.स्थाई समिति
प्रमुख समितियां और उनके कार्य
1. लोक लेखा समिति (PUBLIC ACCOUNT COMMITTEE)
इसमें से यह तीन प्रतिवेदन यह है
1.विनियोग लेखा लेखा परीक्षक प्रतिवेदन
2. वित्त लेखा पर लेखा परीक्षक प्रतिवेदन
3.सार्वजनिक लेखा परीक्षक प्रतिवेदन
नियंत्रक महालेखा परीक्षक भी समिति के बैठक में भाग लेता है और सहायता करता है इस समिति को प्राक्कलन समिति की जुड़वा बहन भी कहा जाता है इस समिति की कुछ सीमाएं भी हैं जैसे यह नीति संबंधी विषय की जांच नहीं करती तथा कार्य को हो जाने के बाद भी मैं कर रिपोर्ट तैयार करती है फिर भी इसने कई घोटाले जैसे जीप ,बोफोस कोयला आदि घोटालों को उजागर किया है
2. प्राक्कलन समिति (ESTIMATE COMMITTEE)
इस समिति गठन 1950 में जॉन मथाई वित्त मंत्री की सिफारिशों के आधार पर किया गया इसमें मूल 25 सदस्य थे किंतु 1956 में इनकी सदस्य संख्या बढ़1 दी गई है YEH सबसे बड़ी समिति भी है इस समिति के सभी सदस्य लोकसभा द्वारा प्रति वर्ग अनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय पद्धति द्वारा लोकसभा के सदस्यों से ही निर्वाचित होते हैं इस समिति का अध्यक्ष चुने हुए सदस्यों में से लोकसभा द्वारा नियुक्त किया जाता है किंतु यदि लोकसभा का उपाध्यक्ष इस समिति का सदस्य है तो वह स्वयं की समिति का अध्यक्ष नियुक्त हो जाता है यह प्रति वर्ष गठित होने वाले समिति है
इसमें निम्नलिखित कार्य होते हैं
वार्षिक अनुदान ओं की जांच करना अतिरिक्त अनुदान खर्च करने के लिए एवं प्रशासन में सुधार लाने के लिए वैकल्पिक नीति तैयार करना संसद में अनुदान की मांग रखने की सिफारिश रखना
3.सार्वजनिक उपक्रम समिति (PUBLIC UNDERTAKING COMMITTEE)
इस समिति का गठन 1964 में कृष्ण मैनन समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया शुरुआत में इस में 15 सदस्य 10 लोकसभा के एवं पांच राज्य सभा से थे किंतु 1974 में इनकी सदस्य संख्या बढ़कर 22 कर दी गई जिसमें 15 लोकसभा के सदस्य और सात राज्य सभा के सदस्य शामिल हैं
समिति का कार्यकाल 1 वर्ष होता है इस समिति का अध्यक्ष केवल लोकसभा से चुना जाता है इसके सदस्यों का चुनाव एक ल संक्रमणीय पद्धति से होता है प्रत्येक वर्ष इस समिति के 1/5 सदस्य अवकाश ग्रहण कर लेते हैं तथा उनके स्थान पर नए सदस्य निर्वाचित होते हैं
इस समिति का कार्य सरकारी उपक्रमों के लेखों का परीक्षण करना है
4.प्रवर समिति (SELECT COMMITTEE)
यह सभी समितियों में सर्वाधिक प्रमुख समिति है इसका गठन किसी विधेयक पर विचार विमर्श हेतु उसी सदन में किया जाता है या तो लोकसभा या राज्यसभा में तथा इसमें विधेयक के विषय से संबंधित कुछ विशेषज्ञ सदस्य अनिवार्य रूप से होते हैं समिति द्वारा लोगों को उनके विचार जानने हेतु आमंत्रित किया जाता है
5.विशेष अधिकार समिति (PRIVILEGE COMMITTEE)
इस समिति को संसद सदस्यों को प्राप्त उन्मुक्ति ओं के हनन का मामला इस समिति को सौंपा जाता है इस समिति का गठन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा लोकसभा के प्रारंभ में अथवा समय समय पर किया जाता है इस समिति में लोकसभा में 15 सदस्य राज्यसभा में 10 सदस्य होते हैं विशेष अधिकार समिति सौपे गए प्रत्येक प्रश्न की जांच करेगी तथा इन तथ्यों के आधार पर यह निर्णय करेगी कि किसी विशेष अधिकार का उल्लंघन हुआ है या नहीं यदि हुआ है तो उसका स्वरूप क्या है और किन
परिस्थितियों में हुआ है
6.सलाहकार समिति (ADVISER COMMITTEE)

इस समिति की अधिकतम सदस्य संख्या 30 व न्यूनतम सदस्य संख्या 10 होती है यह समिति केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से जुड़ी होती है तथा इसमें दोनों सदनों के सदस्य होते हैं इस समिति का गठन प्रत्येक आम चुनाव के बाद किया जाता है और लोकसभा भंग होने के साथ यह सत्ता समाप्त हो जाती है
7.याचिका समिति (PETITION COMMITTEE)
इस समिति में कुल 15 सदस्य होते हैं तथा सभी को लोकसभा अध्यक्ष मनोनीत करते हैं यह समिति याचिकाओं में की गई शिकायतों की सूचना लोकसभा को देती है इस समिति का मुख्य कार्य याचिकाओं का परीक्षण करना है
8.सरकारी आ श्वासन समिति (GOVT.ASSURENCE COMMITTEE)
इस समिति में भी 15 सदस्य होते हैं जिन्हें लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाता है यह समिति सरकार के मंत्रियों द्वारा सदन के पटल पर
दिए गए प्रश्नों के कार्यान्वयन की जांच करती है
9.नियम समिति (RULE COMMITTEE)
इस समिति में भी 15 सदस्य होते हैं जिन्हें इस के सभापति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाता है यह समिति पर संसदीय कार्यवाही तथा विधान ओं पर विचार कर उनमें संशोधन या नए नियम बनाने की सिफारिश से की जाती है
बहुत-बहुत धन्यवाद.......................................................................................................................PK25NG
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