विधानमंडल
जिस प्रकार केंद्रीय स्तर पर संसद होती है उसी प्रकार राज्य स्तर पर विधानमंडल होता है
संविधान के भाग 6 में अनुच्छेद 168 से 212 तक विधान मंडल का वर्णन है विधानमंडल में विधानसभा तथा विधान परिषद दोनों आते हैं
विधान मंडल का गठन
भारत के 29 राज्यों में से 22 राज्यों में विधानसभा है विधान सभा का गठन जनता के द्वारा प्रत्यक्ष होता है मतदान से वयस्क मताधिकार के द्वारा किया जाता है इसमें सदस्यों की अधिकतम संख्या 500 और न्यूनतम संख्या 60 निर्धारित है 2026 तक इन सदस्यों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होगा
लेकिन इनकी सदस्य संख्या जनसंख्या पर निर्भर करती है
EX. अरुणाचल प्रदेश सिक्किम गोवा विधानसभा में इनकी संख्या 30 है
जबकि
मिजोरम नागालैंड में यह संख्या 40 और 46
विधान परिषद का गठन
विधान परिषद सदस्यों की संख्या का 1/3 सदस्य स्थानीय निकायों जैसे नगर पालिका जिला बोर्ड के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं
1/3 सदस्य विधान सभा के सदस्य निर्वाचित होते हैं
1/12 सदस्य 3 वर्ष के स्नातकों के द्वारा बनाए गए निर्वाचक मंडल द्वारा OR
1/12 सदस्य माध्यमिक स्कूलों के अध्यापकों के द्वारा बनाए गए निर्वाचक के द्वारा
जैसे शिक्षक संघ
1/6 सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत होते हैं
विधानसभा का कार्यकाल
ठीक वैसा ही है जैसा लोकसभा व राज्यसभा का होता है आपातकाल का समय विधानसभा का कार्यकाल 1-1 वर्ष हेतु अनिश्चित काल तक बढ़ाया जा सकता है
सदस्यों की योग्यता
विधानसभा में हेतु 25 वर्ष की उम्र होनी चाहिए विधान परिषद हेतु 30 वर्ष उम्र की होनी चाहिए
- भारत का नागरिक होना चाहिए
- विधान परिषद में निर्वाचित होने वाला व्यक्ति विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो और
- उस में राज्यपाल द्वारा मनोनीत होने की योग्यता हो
- अनुसूचत जाति व जनजाति के सदस्यों यदि आरक्षित सीट के लिए चुनाव लड़ रहा है
विधान सभा का अध्यक्ष
सदस्यों में से ही बनाया जाता है या निर्वाचित किया जाता है
विधानसभा कार्यकाल तक ही पद पर रहता है
विधानसभा कार्यकाल तक ही पद पर रहता है
इससे पहले पद छोड़ सकता है
त्यागपत्र दे दे
सदस्यता समाप्त हो जाए
उसे हटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया हो
ऐसे प्रस्ताव 14 दिन पूर्व लाया जाना आवश्यक है
निर्णायक मत देने का अधिकार
विधानसभा का उपाध्यक्ष
निर्वाचन सदस्यों में से चुना जाता है वह उसका कार्यकाल विधानसभा कार्यकाल तक रहता है इसे उसी प्रकार से हटाया जाता है जैसे अध्यक्ष को
विधान मंडल विधान सभा के कार्य
.1.साधारण विधेयक
किसी भी सदन में विधानसभा विधान परिषद में प्रस्तुत किया जा सकता है प्रत्येक सदन में विधेयक को पास करने के लिए तीन वचन होते हैं फिर उसे राज्यपाल की स्वीकृति हेतु भेजा जाता है राज्यपाल ऐसे विधायक को अनुमति दे सकता है मना कर सकता है यह पुनर्विचार हेतु लौटा सकता है
2. धन विधेयक
यह हमेशा विधानसभा में पेश किया जाएगा इसके संबंध में विधान परिषद KO शक्ति प्राप्त नहीं है उसे केवल 14 दिन तक रोक सकती है राज्यपाल धन विधेयक को अनुमति दे सकता है या राष्ट्रपति के पास विचार करने हेतु भेज सकता है नोट साधारण विधेयक को राज्यपाल एक बार पुनर्विचार हेतु विधानसभा में लौटा सकता है धन विधेयक को व पुनर्विचार हेतु नहीं लौटा सकता
बहुत बहुत धन्यवाद..............................................................................................PK25NG
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