चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं आज लोकायुक्त की
लोकपाल व लोकायुक्त अधिनियम 2013 में यह भी प्रावधान किया गया कि सभी राज्य इस अधिनियम को लागू होने के 1 साल के भीतर सभी राज्य लोकायुक्त की नियुक्ति करेंगे 1970 में उड़ीसा पहला राज्य बना जहां लोकायुक्त के संदर्भ में अधिनियम बनाया गया था जबकि 1971 में महाराष्ट्र पहला राज्य बना जहां लोकायुक्त की नियुक्ति हुई
राजस्थान लोकायुक्त व उप लोकायुक्त अधिनियम 1973
3 फरवरी 1973 को लागू हुआ था जबकि 26 मार्च 1973 को राष्ट्रपति ने स्वीकृति दी
योग्यता क्या होनी चाहिए
लोकायुक्त के पद पर ऐसा व्यक्ति नियुक्त किया जाता है जो कि उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रह चुका हूं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी लोकायुक्त मैं नियुक्त होंगे इनकी योग्यता का निर्धारण नहीं है
लोकायुक्त
लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम 2013 को वैधानिक रूप मिलने से पहले कई राज्यों ने अपने राज्य में लोकायुक्त नियुक्त कर रखे थे
2013 तक 2 1 राज्यों का एक केंद्र शासित प्रदेश यानी कि दिल्ली ने अपने यहां लोकायुक्त की स्थापना की है सभी राज्यों में लोकायुक्त के संरचना एक समान नहीं है
जैसे राजस्थान कर्नाटक आंध्रप्रदेश महाराष्ट्र मैं लोकायुक्त के साथ उपलोकायुक्त के पदों को भी स्थापित किया गया है
जबकि बिहार उत्तर प्रदेश हिमाचल प्रदेश में केवल लोकायुक्त है
व पंजाब उड़ीसा में कई अधिकारियों को लोकायुक्त का दर्जा दिया गया है
इनकी नियुक्ति की
कॉलेजियम की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए जाते हैं इस कॉलेजियम
1.का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है और
2.साथ ही हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संबंधित राज्य का
3.विधान सभा में विपक्ष का नेता
उनके सिफारिश पर लोकायुक्त की नियुक्ति की जाती है
इनके कार्यकाल की
तो इनका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है only Rajasthan
राजस्थान 1973 के राष्ट्र अधिनियम में कार्यकाल 5 सालों को निर्धारित किया गया था मार्च 2018 में राज्यपाल द्वारा जारी किया गया अध्यादेश में इनका कार्यकाल 8 वर्ष कर दिया गया इनकी सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित नहीं है
इनको हटाने की प्रक्रिया की
चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं कदाचार अक्षमता का आरोप राज्यपाल उन आरोपी की जांच करवाइए गा सुप्रीम कोर्ट से रिपोर्ट सही पाए जाने पर विधानसभा में रख पाएगा यदि कुल सदस्य संख्या से 2/3 उपस्थित वह मत करने वालों के बहुमत से पारित होने पर लोकायुक्त का पद रिक्त माना जाता है
क्षेत्राधिकार की
निम्न पद लोकायुक्त के दायरे में आते हैं
#.सभी मंत्री
#.अखिल भारतीय सेवाओं के ऐसे अधिकारी जो राज्य में कार्यरत हो
#.राज्य के प्रशासनिक सेवाओं के सभी अधिकारी
#.हिमाचल प्रदेश आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश और गुजरात के मुख्यमंत्री को भी लोकायुक्त जांच के दायरे में रखा गया है
#.स्थानीय निकायों के निगमों कंपनियों समितियों के अधिकारी को अधिकांश राज्य में लोकायुक्त के दायरे में रखा गया है
#. लोकायुक्त जांच के लिए राज्य की जांच एजेंसी की सहायता लेते हैं तथा वह राज्य सरकार के विभागों से संबंधित विषयों की दस्तावेज मंगवा सकते हैं
लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम संशोधन विधेयक 2016 अगस्त 2016 में केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा प्रदान की गई इसके तहत लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन किया गया मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिकारी व कर्मचारी व डिस्टिक जज भी इसके दायरे में नहीं आते राज्य निर्वाचन आयुक्त राज्य निर्वाचन अधिकारी राज्य निर्वाचन के अधिकारी व कर्मचारी को भी इसके दायरे में नहीं रखा गया है
MPPSC के सदस्य तथा अधिकारी व कर्मचारी
शक्तियों के बारे में
सीपीसी 1908 के तहत लोकायुक्त को समन जारी करने शपथ पत्र पर गवाही लेने की शक्ति प्राप्त है लोकायुक्त 5 वर्ष पुराने मामले नहीं सुनता इसे सजा देने का अधिकार नहीं है मिथ्या शिकायत करने पर 3 वर्ष की सजा देने का अधिकार है
आज हम ने लोकपाल एवं लोकायुक्त से संबंधित सारे तथ्यों को कंप्लीट किया पूरा किया इसके अगले अध्याय में हम बात करेंगे सीबीसी यानी केंद्रीय सतर्कता आयोग के बारे में तब तक आप सब बने रहिए पढ़ते रहिए और हां वह follow के बटन पर क्लिक करके ईमेल आईडी सबमिट करें इससे आपको हमेशा नोटिफिकेशन मिलता रहेगा साथ हमारी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें न्यू अपडेट आप हमारे साथ बने इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
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