सूचना का अधिकार (Right to information)

                 Right to information



चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं सूचना का अधिकार के बारे में 

#.एसपी गुप्ता वर्सेस भारत संघ 1982

#.पीपल यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टी वर्सेस भारत संघ 2002 

#ADR वर्सेस भारत संघ 2003

 ऐसे मामले थे जिसमें सूचना के अधिकार को आर्टिकल 19 और आर्टिकल 21 का भाग माना गया

 #.राइट टू इंफॉर्मेशन 2005 सीएजी जैसा एक संस्था है और इसी की तरह काम करता है पर यहाँ कि सरकार द्वारा किए गए काम की सूचना लोगों को मिलनी चाहिए

 #.1766 स्वीडन विश्व का पहला देश बना जहां नागरिकों को सूचना का अधिकार दिया गया लेकिन हम बात करें भारत में तो गोवा भारत का पहला राज्य है जहां नागरिकों को कानून बनाकर सूचना का अधिकार  उपलब्ध कराया गया तमिलनाडु महाराष्ट्र में भी इसी वर्ष 1997 में कानून बनाया गया 


पूर्व आईएएस अधिकारी अरुणा राय के उपमंत्री मनीष सिसोदिया MKSS मजदूर किसान  संगठन तथा अरविंद केजरीवाल के परिवर्तन नामक संगठन का इस संदर्भ में महत्वपूर्ण योगदान है इन दोनों को मैग्सेसे अवार्ड मिल चुका है इन दोनों एनजीओ की मदद से उन्होंने सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया और सूचना का अधिकार के बारे में लोगों को जानकारी दी


 बाजपेई सरकार द्वारा वर्ष 2003 में सूचना की  अधिकार अधिनियम 2003 बनाया गया मोहन सरकार के नेशनल एडवाइजरी कमिशन द्वारा


RTI  Act 2005  ----;15 जून 2005 को आंशिक रूप से 

                             व 12 अक्टूबर 2005 को पूर्ण रूप से 

स्थापित हुआ

12अक्टूबर को सूचना का अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है   15 जून 2005 से लेकर के 12 अक्टूबर 2005 इन 120 दिनों में सभी एनजीओ अपना इनफॉरमेशन डाटा कलेक्ट कर लें क्योंकि जनता इसका हिसाब  मांगने आ रही है इस कारण 120 दिन बाद 12 अक्टूबर 2005 को यह पूर्ण रुप से लागू होता है



 PIO ----पीआईओ यानी की पर्सनल इनफॉरमेशन ऑफिस इसमें तीन पार्टियों का संगठन होता है जिसमें फर्स्ट पार्टी आवेदन शुल्क बीपीएल वालों को फ्री और अदर के लिए ₹10 शुल्क होता है सेकंड पार्टी और थर्ड पार्टी इसके तहत हर सरकारी संस्था में  यह संस्था रहेगी यह ऑफिस रहेगा साथ ही non-government में भी रहेगा और इसको 30 दिन प्लस 10 या 40 दिन के अंदर यह इनफॉरमेशन प्रदान करना होता है इस अधिनियम के तहत भारत के प्रत्येक नागरिक को सरकारी संगठनों से सूचना प्राप्त करने का अधिकार है यह एक विधिक अधिकार है


 ऐसी संस्थाएं जो आर्टिकल 12 के अंतर्गत राज्य शब्द की परिभाषा में शामिल हैं सभी संस्थाएं इस अधिनियम के दायरे में आती हैं एक संगठन लोक सूचना अधिकारी होता है सूचना हेतु आवेदन इसको करना होता है बीपीएल के लिए free व अन्य के लिए ₹10 आवेदन शुल्क होता है आवेदन करने पर 30 दिन के भीतर सूचना देनी होती है third  पार्टी से संबंधित सूचना होने पर 10 दिन अतिरिक्त दिए जाते हैं

 

#.यदि कोई सूचना किसी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हो तो उसे 48 घंटे के भीतर उपलब्ध करवाना होता है 

#.निर्धारित अवधि  में सूचना उपलब्ध नहीं करवाने पर उसी संगठन में अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील की जा सकती है 30 दिन के अंदर  यदि  विशेष संघ सूची का हो यही अवधि होती है यदि विषय राज्य सूची क हो यदि समवर्ती सूची क हो तब सेंट्रल और राज्य दोनों जगह पर इस आवेदन को जमा किया जा सकता है अपीलीय अधिकारी के निर्णय के विरुद्ध आप स्टेट इनफॉरमेशन कमिशन अथवा केंद्रीय सूचना आयोग में अपील कर सकते हैं




इसके अगले ध्यान हम बात करेंगे केंद्रीय सूचना आयोग की तब तक आप सब बने रहिए अपना ख्याल रखिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद

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