केंद्रीय सूचना आयोग(CIC--CENTRAL INFORMATION COMMISSION)


CIC--CENTRAL INFORMATION COMMISSION





 चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं केंद्रीय सूचना आयोग की 12 अक्टूबर 2005 में किसकी स्थापना हुई इसमें एक मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा 10 अन्य सूचना आयुक्त होते हैं

1+ 10 = 11 


 इनकी योग्यता के बारे मे

 विधि, प्रशासन ,समाज सेवा ,विज्ञापन ,तथा जनसंचार के विशेषज्ञ व्यक्ति ही  होनी चाहिए


  इनकी नियुक्ति की 

कॉलेजियम की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति की जाती है इस कॉलेजियम का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है साथ ही लोकसभा में विपक्ष का नेता और कोई भी एक कैबिनेट मंत्री कॉलेजियम के सदस्य वतौर रहते हैं 


 इनके कार्यकाल  की

 5 वर्ष होती है व  सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होती है 


#.कोई व्यक्ति अपने पद पर पुनः  नियुक्त नहीं हो सकता लेकिन सूचना आयुक्तों को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया जा सकता है 

लेकिन दोनों रूप में उनका  कार्यकाल 5 वर्ष ही होगा 

वजाहत हबीबुल्लाह भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त थे जबकि आरके माथुर आठवें वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त हैं दीपक संधू भारत के मुख्य सूचना आयुक्त रह चुके हैं सुषमा सेन पहली महिला सूचना आयुक्त थी और यह भारत के चौथे मुख्य सूचना आयुक्त रह चुकी हैं


दर्जा-- मुख्य सूचना आयुक्त का दर्जा मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा   मुख्य सूचना आयुक्त का दर्जा निर्वाचन आयुक्त के बराबर होता है


 हटाने की प्रक्रिया की

कदाचार अक्षमता के आरोप पर राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट से करवाई गई जांच के आधार पर इन्हें हटाया जाता है आज तक इस विधि द्वारा किसी भी केंद्रीय सूचना आयुक्त को नहीं हटाया गया

 

इनके कार्यों की

 अपीलीय अधिकारी को निर्णय के विरुद्ध अपील  सुनना

#.सूचना उपलब्ध करवाने का आदेश देना

 #. दोषी लोक सूचना अधिकारी पर ढाई सौ प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम ₹25000 तक का जुर्माना लगा सकता है

#.सूचना का अधिकार का प्रचार प्रसार करना

#.अपना वार्षिक प्रतिवेदन राष्ट्रपति को देना


  इनके शक्तियों के बारे में

 केंद्रीय सूचना आयोग 1908 के तहत आयोग को

  समन जारी करने, शपथ पत्र पर गवाही लेने ,तथा गवाही की ऑडियो वीडियो रिकॉर्ड करने की शक्ति प्राप्त है




       STATE INFORMATION COMMISSION



राज्य सूचना आयोग की आरटीआई एक्ट 2005 के तहत  प्रत्येक राज्य में एक स्टेट इनफॉरमेशन कमिशन की स्थापना का प्रावधान किया गया 

#.मध्य प्रदेश इनफॉरमेशन कमिशन की स्थापना  22Aug 2005


 स्टेट इनफॉरमेशन कमिशन में 

एक मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा 10 अन्य सूचना आयुक्त होते हैं 1 + 10 = 11


  योग्यता-- वही  जो केंद्रीय सूचना आयोग के रहते हैं


 नियुक्ति 

कॉलेजियम  की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा किया जाता है कॉलेजियम का अध्यक्ष मुख्यमंत्री विधानसभा में विपक्ष के नेता व कोई भी  एक मंत्री सदस्य के रूप में शामिल होता है 


मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त---  अरविंद कुमार शुक्ला

इन के अलावा अन्य सूचना आयुक्त


 दर्जा ---मुख्य सूचना आयुक्त का दर्जा राज्य निर्वाचन आयुक्त तथा मुख्य सूचना आयुक्त का दर्जा  मुख्य सचिव के बराबर होता है

 

इनके कार्यकाल की तो इनकी कार्यकाल वही रहती है जो केंद्रीय सूचना आयोग के सदस्यों की रहती है


 कार्य एवं शक्तियों के बारे में

 इनके कार्य एवं शक्ति वहीं रहते हैं जो केंद्रीय सूचना आयोग के रहते हैं


Whistle blower


ऐसे व्यक्ति जिनके पास सरकारी संगठनों अथवा अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार से संबंधित सूचना हो वेस्टर्न ब्लैगर कहलाते हैं 

इस संदर्भ में वर्ष 2011 में संसद में एक विधेयक लाया गया था whistle blower एक्ट 2013 

 को 14 मई 2014 को राष्ट्रपति द्वारा विधेयक स्वीकृत हुआ लेकिन अभी अभी तक यह लागू नहीं हुआ वर्ष 2004 में इस संदर्भ में सभी मामले CVC देखता है


 आच्छादन का सिद्धांत 

कोई भी  ऐसी धारा जो हमारे संविधान के साथ मैच नहीं खाती वह धारा  समाप्त नहीं होगी उस पर भारत का संविधान अच्छादित हो जाएगा



आज हमने केंद्रीय सूचना आयोग एवं राज्य सूचना आयोग के बारे में बड़े अच्छे से चर्चा किया इसके अगले अध्याय में हम बात करेंगे योजना आयोग की तब तक आप सब बने रहिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

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