मौलिक अधिकार {fundamental right }




आज हम पढ़ेंगे फंडामेंटल राइट्स  मौलिक अधिकार के बारे में आर्टिकल 12 से लेकर के 35 तक हम मौलिक अधिकारों को पढ़ते हैं जो कि कॉन्स्टिपेशन का भाग 3 के अंतर्गत आता है

राइट टो इक्वलिटी समानता का अधिकार मानवाधिकार और मौलिक अधिकार में क्या
डिफरेंस है

                      मानवाधिकार





 ह्यूमन राइट्स अधिकार है
जो बच्चा जन्म के साथ पाता है \
लेकिन मौलिक अधिकार किस देश की सीमा का मोहताज नहीं होता
वह अधिकार जो देश के संविधान से प्राप्त होता है हमेशा देश
की सीमाओं से बंधे  हुए नहीं होते
है
और यदि इन अधिकारों का उल्लंघन होता है
तो हम उन अधिकारों की रक्षा उसी अधिकारों के द्वारा कर सकते हैं
मौलिक अधिकार का उल्लेख भाग 3 व  अनुच्छेद 12 से लेकर 35
तक किया गया है
भाग-3 जिसमें मौलिक अधिकार की बात कही गई है
अनुच्छेद 12 से लेकर 35 तक किया गया है  भाग-3 जिसमें मौलिक अधिकार की बात कही गई है उसे
हम मैग्नाकार्टा कहते हैं अब यहां एक नया शब्द सामने आ रहा है

मैग्नाकार्टा इसका क्या मतलब होता है वास्तव में 1215 में इंग्लैंड के राजा
द्वारा जो इंग्लैंड के जनता को जो अधिकार दिए गए थे
जिस दस्तावेज के द्वारा या अधिकार दिए गए इंग्लैंड के संदर्भ में
उसे मैग्नाकार्टा कहा जाता है क्योंकि भाग 3 भारत के लोगों को दिए
जाने वाले मौलिक अधिकार की बात करता है इसीलिए भाग 3 को

भारत का मैग्नाकार्टा कहा जाता है और
यह कथन व कारण दोनों की व्याख्या करता है

आर्टिकल 12 राज्य शब्द का मतलब हम सारी संस्थाओं से है
जिसकी स्थापना सरकार ने की है सारी संस्थाएं जो सरकार से प्रत्यक्ष और
अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग प्राप्त करती हैं यह आर्टिकल 12 कहता है
मौलिक अधिकार है मैं राज्य के विरोध में प्राप्त होती हैं मौलिक
अधिकार निषेधात्मक होती है मतलब राज्य शोषण का अधिकार
वही हो सारे अधिकार को नहीं छीने गा


आर्टिकल13  यह अनुच्छेद भारतीय संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद है न्यायपालिका
को इस बात का अधिकार देता है
कि वह किसी भी विधि जो हमारे मौलिक अधिकार का हनन करती हो
उसने अवलोकन कर सकती हैं न्यायपालिका जुड़े
जिसे न्यायिक पुनर्विलोकन कहते हैं

आर्टिकल 13 है यह विधि शब्द को परिभाषित करता है इसका मतलब
संसद के द्वारा बनाया गया कानून
है साथ ही वह सारे एक्ट जो राज्य विधान मंडल ने बनाया है राष्ट्रपति ने
अध्यादेश जारी किया है राज्य सरकार किसी भी प्रकार का परिपत्र
जारी किया है इसी प्रकार का रूल रेगुलेशन या किसी भी प्रकार
की विधि शब्द की परिभाषा में आती हैं अनुच्छेद13 में लिखा हुआ है
हुआ है साथ ही वह सारी विधि जो संविधान के लागू होने के पहले की है
जिसे हम Pri कॉन्स्टिट्यूशन ला कहते हैं

जैसे आरआर, पीसी ,सीपीसी आईपीसी ,एविडेंस एक्ट, यह यदि हमारे मौलिक
अधिकार की हनन करते हो तो इन्हें भी न्यायपालिका चैलेंज किया जा सकता है
चुनौती दी जा सकती है




विधि शब्द आर्टिकल राइटिंग 13

फ्री कॉन्स्टिट्यूशन ला
पोस्ट कॉन्स्टिट्यूशन ला

आर्टिकल 13 दोनों प्रकार की बात करता है आर्टिकल 13 में में
सारी विधियां मैं भारतीय संविधान के अनुकूल होनी चाहिए न्यायपालिका
को इतनी शक्ति दिया गया है कि वह उन विधियों को असंगित कर सकता है
असंवैधानिक घोषित कर सकता है आज हमने मौलिक
अधिकार के तहत समानता के अधिकार 01 का बखूबी अध्ययन किया है
अब हम अगला चैप्टर समानता के अधिकार 02 का अध्ययन करेंगे...............................................................................pk25ng

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