
दस घंटे रोजाना पढ़ाई ही नहीं ये भी है इस आईएएस के सक्सेस मंत्र, जानिए इनकी जुबानी
काशीपुर के शिवम प्रताप सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 52वीं रैंक प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। शिवम मूल रूप से जसपुर के महुवाडबारा के रहने वाले हैं। इस सफलता के लिए उन्होंने चार साल कड़ी महेनत की है। दूसरी बार में आईएएस में सफल रहे शिवम का कहना है कि 10 घंटे नियमित पढ़ाई उनकी सफलता का राज है। इसके लिए परिजनों को श्रेय देते हैं।
काशीपुर के आवास-विकास निवासी शिवम प्रताप सिंह चौहान के पिता राजीव चौहान बीएसएनएल में ऊधम सिंह नगर में डिवीजन इंजीनियर के पद पर तैनात हैं। शिवम की माता रश्मि ठाकुर गिन्नीखेड़ा प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर हैं। उनकी बड़ी बहन शिवाली सिंह ने श्रीनगर से एमबीबीएस किया है।
शिवम ने बताया कि उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल हेमपुर डिपो से की। 12वीं की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली के एक स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने 2009 से 13 तक इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन में पंतनगर से बीटेक किया। इस दौरान वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। वह कालेज में सामाजिक संस्था के चेयरमैन भी रहे।
चार सालों में वह एक भी त्योहार अपने परिवार के साथ नहीं मना पाए
सामाजिक रुझान के चलते उनका सिविल सर्विसेज की ओर रुझान बढ़ गया। पिता का भी सपना था कि उनका बेटा सिविल सर्विसेज में जाए लिहाज उन्होंने बीटेक के बाद गाजियाबाद में एक कोचिंग में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि करीब चार साल तक उन्होंने सिविल परीक्षा की तैयारी की। इन चार सालों में एक बार पहले भी आईएएस की परीक्षा दी, तब वह इंटरव्यू में 10 अंकों से रह गए। हाल में ही उन्होंने उत्तराखंड पीसीएस का इंटरव्यू दिया है।
शिवम ने बताया कि इन चार सालों में वह एक भी त्योहार अपने परिवार के साथ नहीं मना पाए। इस सफलता के लिए उन्होंने करीब प्रतिदिन 10 घंटे नियमित पढ़ाई की। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से उन्हें कभी दिक्कत नहीं आई लेकिन जब कभी उन्हें निराशा होती तो उनके माता-पिता और दादी उनको मोटिवेट करते।
इसी का नतीजा है कि आज वह यूपीएससी में चयनित हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनका चयन टीसीएस में हो गया था लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय दादा स्व. शांति सिंह चौहान, दादी प्रकाशवती, नानी आशा देवी, नाना राजपाल सिंह, छोटी नानी अनुपमा सिंह चौहान, भाई अभिषेक कुमार सिंह, शेखर प्रताप सिंह, चाचा राजेंद्र कुमार सिंह, चाची अर्पणा सिंह, बुआ अरूणा चौहान और जीजा प्रयांक चौहान को दिया। शिवम की सफलता पर उनकी कालोनी के लोगों का बधाई देने के लिए घर में तांता लग गया। शिवम की सफलता से घर में दिवाली जैसा जश्न था।
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