किसी भी व्यक्ति के शिक्षा का स्तर इससे नहीं मापा जा सकता कि उसने कितनी डिग्रियां प्राप्त की हैं। किसी भी व्यक्ति के शिक्षा का स्तर इससे भी पता नहीं चलता कि उसने कितनी किताबें पढ़ी हैं। किसी भी व्यक्ति के शिक्षा का स्तर इससे पता चलता है कि उसने कितनी स्वतंत्र सोच विकसित की है। व्यक्ति चाहे कितनी भी डिग्रियां प्राप्त कर ले, अगर वह अपनी सोच को विकसित नहीं कर पाया तो इसका कोई मतलब नही है कि वो कितना पढ़ा है।
अगर आपने स्कूल में पढ़ा, रावण के दस सिर थे और आपने मान लिया तो आपकी शिक्षा का कोई मतलब नहीं है। आपकी शिक्षा का मतलब तब है, जब आपने उस पर सवाल उठा दिया कि ऐसा कैसे संभव है? आपकी शिक्षा का पता तब चलता है, जब आपके यहाँ किसी बच्चे ने जन्म लिया और आप उसका नाम रखवाने के लिए ब्राह्मण के पास चल दिए। इससे पता चलता है कि आपने सिर्फ किताबें पढ़ी हैं लेकिन शिक्षित नहीं हुए। आपकी शिक्षा का पता तब चलता है, जब आप मृतक को स्वर्ग का टिकट दिलाने के यज्ञ और हवन करवाते हैं। स्वतंत्र सोच का विकास करना ही शिक्षा है। ये शिक्षा नहीं है कि आपको बता दिया कि हरिश्चन्द्र एक सत्यवादी राजा था और आपने मान लिया। बल्कि शिक्षा ये है कि आपने सवाल उठा दिया कि वह राजा सत्यवादी कैसे हो सकता है? जिसने सिर्फ एक सपने के आधार पर अपना सब कुछ एक ब्राह्मण को दान दे दिया। ये सत्यवादिता नहीं बल्कि मूर्खता है। शिक्षा ये है कि आपने सवाल कर दिया कि अपनी पत्नी बच्चे को बेचने वाला कोई भी आदमी सत्यवादी कैसे हो सकता है?मूर्खता का इससे बड़ा प्रमाण और क्या होगा कि हम 15 - 20 साल पढ़ाई में ख़त्म करने के बाद एक पाँचवी फेल ब्राह्मण से सलाह लेते हैं। हमको क्या करना चाहिए या क्या नही करना चाहिए? मतलब आप इंजिनियर वकील डॉक्टर IAS IPS PCS नेता अभिनेता बनकर भी इस लायक नही हुए कि अपना निर्णय खुद ले सकें।
आपमें इतनी क्षमता विकसित नही हुई जितनी एक पांचवी फेल ब्राह्मण में । आप पंद्रह बीस लाख खर्च करके भी ये किसी ब्राह्मण से पूछते हैं कि घर कब बनाना है ? आप दिमाग से पैदल हैं जो अपने घर का निर्माण करने का निर्णय भी खुद नही कर सकते ? वो भी ब्राह्मण से ही पूँछने जाते हैं कि घर कब बनेगा? और जब घर बनवाने की बारी आई, तब भी शुरुआत करने वो पाँचवी फेल ब्राह्मण ही आएगा ।
बच्चा आपने पैदा कर लिया लेकिन पंद्रह बीस साल खर्च करने के बाद भी आप इतना नही सीख पाए कि अपने बच्चों का नाम भी खुद रख पायें । आपका है या पांचवी फेल ब्राह्मण का? अब बात शादी की आई तो ये भी तय आप नही कर सकते कि आप शादी कब करोगे? आपको शादी कब करनी है ये भी एक पांचवी फेल ब्राह्मण बताएगा? आपको लड़की / लड़का पसंद है, आपके परिवार वालों को भी पसंद है लेकिन एक पांचवी फेल ब्राह्मण ने कह दिया कि इससे शादी करना अच्छा नही होगा तो आप पंद्रह बीस साल खर्च करके भी उस पांचवी फेल ब्राह्मण से तुच्छ ही साबित हुए ।
आप जीवन भर पाँचवी फेल ब्राह्मणों के आगे झुकते रहे लेकिन जब मरोगे तब भी ये ही पांचवी फेल ब्राह्मण तय करेगा कि आपको मरना कैसे है ? गीता सुनकर, रामायण सुनकर या सत्यनारायण की कथा सुनकर? या गाय की पूँछ पकड़कर ? अब इससे ज्यादा मूर्खता के प्रमाण और क्या दूं ? लगता है हम और आप बीमार हैं ब्राह्मणवाद से।..pk25ng
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the
balance in favor of fair use
## Important Notice -If you have owns any content please inform me on Instagram i will remove the content from my channel.
1 Comments
Great PK
ReplyDeleteGive me only suggestions and your opinion no at all Thanx