During the preparation of interview for uppsc attention some tips

कलेक्टर श्री विकास मिश्रा के संबोधन पी.एस.सी. की परीक्षा में इंटरव्यू का बहुत महत्व है इसे कभी भी हलके में नहीं नहीं लेना चाहिए ....क्योंकि यह एक ऐसी परीक्षा है जिसमें एक नंबर कम आ ज्यादा आ जाने से ज़िन्दगी भर के लिए आपकी पोस्ट बदल जाती है इंटरव्यू के लिए पहली सबसे जरुरी बात यहाँ है कि इंटरव्यू में आप 'जैसे हैं वैसे ही दिखें'बनावटी अच्छा बनने की कोशिश बिलकुल ना करें ....क्योंकि 12-15 मिनिट के इंटरव्यू के दौरान आपका उपरी आवरण ध्वस्त हो जाता है और आप रंगें हुए सियार नज़र आने लगते हो इंटरव्यू में ना तो जरुरत से ज्यादा बोलें और ना ही जरुरत से कम ...दोनों तरह के लोगों को इसमें नुक्सान होता है इंटरव्यू की तैयारी एक लम्बी प्रक्रिया है जिसमें आपको इंटरव्यू में पूंछे जा सकने वाले प्रश्नों की एक लम्बी सूची तैयार करनी चाहिए और फिर हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए अपने आपको तैयार कर लेना चाहिए आयोग को भेजे जाने वाले पत्रक में अपनी हॉबीज का जिक्र बहुत सोच समझ कर करें ...जो आपकी असल हॉबी है वही लिखें ...कुछ भी hypothetical ना लिखें अन्यथा आपका फसना तय है ध्यान रखें कि इंटरव्यू में कई ऐसे प्रश्न भी पूंछे जा सकते हैं जिनका उत्तर आपकी 6-8 महीने की तैयारी में नहीं बल्कि आपकी पिछली 25 वर्ष की जिंदगी में कहीं होगा इसलिए इतना रिलैक्स होकर इंटरव्यू में जाएँ कि आप अपनी पिछली ज़िन्दगी से भी उत्तर तलाश कर सकें ...स्लमडॉग मिलेनियर की तरह समसामयिक बहस के मुद्दों पर कभी बहुत ज्यादा 'एक्सट्रीम साइड' ना लें आपको मध्यम मार्गी और तार्किक दिखना चाहिए ...आप अधिकारी बनने जा रहे हैं एक्टिविस्ट या क्रिटिक नहीं यदि आपको लगता है कि किसी समसामयिक विषय पर आपकी स्पस्ट राय नहीं बन पा रही है तो इंटरव्यू के पहले 'एक्सपर्ट्स' से इस पर चर्चा कर लें इंटरव्यू के दौरान आपके एकेडमिक बैकग्राउंड पर भी बहुत सारे सवाल पूंछे जाते हैं जिनका स्तर भी थोडा ऊपर का होता है ...मेरा सुझाव है कि आप लोग अपने विषय (जो आपने ग्रेजुएशन या पी.जी. में पढ़ा है) से जुड़े करेंट अफेयर्स पर अच्छी कमांड कर लें . इंटरव्यू के दौरान यदि कोई ऐसा सवाल पूंछा जाता है जो आपको नहीं आता तो कृपया'झूठ ना बोलें' ...सीधे बोल दें कि सर मुझे इसका उत्तर पता नहीं है यदि आपसे लगातार 2-3 उत्तर नहीं बन रहे हैं तो घबराएं नहीं, दवाब में ना आयें और अपने उत्साह में कोई कमी ना आने दें ....हो सकता है कि बिना कोई उत्तर दिए भी आप इंटरव्यू में अच्छे अंक पा जाएँ जो लोग इंदौर से बाहर रहते हैं वे येन बक्त पर इंदौर जाने की वजाय ...इंटरव्यू के कम से कम 24 घंटे पहले इंदौर पहुंचें ...ताकि आप वहां के माहौल के साथ अच्छे से एडजस्ट हो जाएँ जिन लोगों को बोलने में परेशानी होती है या पब्लिक स्पीकिंग से डर लगता है वे 'mock Interview' अटेंड करें ...और यदि यह भी संभव ना हो तो 'आईने के सामने' खड़े होकर रोज़ बोलने का अभ्यास करें ......आप अपने घर पर भी छोटे भाई बहिनों से बात कर यह देख सकते हैं कि आप अपनी बात अच्छे से समझा पा रहे हैं या नहीं पी.एस.सी. इंटरव्यू एक 'चेन रिएक्शन' की तरह होता है जिसमें एक प्रश्न पर दूसरा प्रश्न बनता जाता है ....इसलिए आपकी तैयारी भी इसी अंदाज में की जाने चाहिए ....हर सवाल के उत्तर पर बनने वाले संभावित सवालों को पहले से तैयार करके जाना उचित होगा यदि आपका इंटरव्यू बोर्ड थोडा उदार होगा तो वह आपसे ही पूंछ लेगा कि बीटा बताओ आपको कौन सा विषय ज्यादा अच्छा लगता है ....ऐसे अवसर पर उत्तर बहुत सोच समझकर देना चाहिए ....वही क्षेत्र बताएं जिसपर हर संभावित प्रश्न का उत्तर देने के लिए आप तैयार हों पी.एस.सी. के 90% इंटरव्यू बोर्ड बहुत उदार होते हैं और आपसे ऐसा कोई प्रश्न नहीं पूंछते जिससे आपका 'कम्फर्ट' प्रभावित हो और यदि कोई बोर्ड आपसे बहुत उलटे सीधे सवाल पूंछ रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि बोर्ड आपको परेशां करना चाहता है ...बल्कि ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि आपके व्यक्तित्व को अच्छे से जांचा जा सके इंटरव्यू बोर्ड में कोई आपसे बदला लेने के लिए नहीं बैठा होता है इसलिए कठिन से कठिन सवाल पर भी अपना 'टेम्पर' ना खोएं और बोर्ड पर अपना भरोसा बनाएं रखें इंटरव्यू का मतलब ही है 'अप्रत्याशित' ....मतलब आप कितनी भी तैयारी क्यों ना कर लें ...यहाँ ऐसा कुछ ना कुछ जरुर पूंछा जायेगा जिसकी आपने पहले से कोई तैयारी नहीं की होगी ....इसलिए इंटरव्यू के दौरान 'Spontaneous' बने रहे और हर उछाले गए हर नए सवाल का उत्तर सोच समझकर देते रहे लोक सेवा आयोग का माहौल ऐसा होता है कि ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं ...ध्यान रखें कि आयोग जाने से पहले हर छोटी छोटी चीज़ की पूरी तैयारी कर लें ताकि येन वक़्त पर कोई भी चीज़ गलत ना हो जाएँ .....ऐसा करके आप लास्ट मिनट होने वाली घबराहट से बाख सकते हैं इंटरव्यू के दौरान ऐसे कपडे पहनें जो आपको Comfortable लगें पर आपके कपडे शालीन जरुर होने चाहिए ....इंटरव्यू का कोई ड्रेस कोड नहीं होता म.प्र. लोक सेवा आयोग पिछले 1-2 वर्ष से पूरी परीक्षा प्रणाली में कई अच्छे सुधार करने में लगा है ....इसलिए इस बार के इंटरव्यू में भी आपको कुछ नया जरुर देखने को मिलेगा....पर उससे घबराएं नहीं ....हर सुधार प्रतियोगियों की भलाई के लिए ही हो रहा है इंटरव्यू में जब किसी समस्या पर आपके विचार पूंछे जाएँ तो कभी भी निराशाजनक ना बनें ....समस्या की गंभीरता व्यक्त करें पर उसके साथ समाधान की उम्मीद भी ......क्योंकि अगर बोर्ड को लगा कि आप तो समस्याओं के सामने पहले से ही हथियार डाल चुके हो तो बोर्ड आपको चुनने की गलती कभी नहीं करेगा ध्यान रखें 'स्थापित संस्थाओं की कभी आलोचना ना करें' आज देश को चलाने वाले जो भी कानून और सेट-अप हैं आपको उसके अन्दर ही काम करना है अतः अपने उत्तर में हमेशा इन संस्थाओं के प्रति पूरा भरोसा व सम्मान व्यक्त करें --------------------------------------------------------------------------------------------------------------- सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल में मनोवैज्ञानिक डॉ.नूरजहाँ खान द्वारा दिए गए टिप्स :- पी.एस.सी. इंटरव्यू आपके ज्ञान का नहीं बल्कि आपको व्यक्तित्व के परीक्षण की प्रक्रिया है ...इसलिए इसमें यह नहीं देखा जाता कि आपको क्या आता है बल्कि यह देखा जाता है कि आपको जो आता है वह आप कितने अच्छे से प्रस्तुत कर पाते हैं इंटरव्यू आपके अवचेतन मन को पढने की प्रक्रिया है इसलिए बोर्ड आपमें वह देखता है जो वह देखना चाहता है ना कि वह जो आप बोर्ड को दिखाना चाहते हैं जब इंटरव्यू देने जाते हो तो हर कोई यही सलाह देता है कि 'बेटा बिलकुल मत डरना'...और यह सुनकर आप इतने ओवर-कॉंफिडेंट हो जाते हो कि जहाँ डरना चाहिए वहां भी आप नहीं डरते ....परिणाम बोर्ड को लगता है कि आप नार्मल ही नहीं हैं कुछ लोग आपको इंटरव्यू के पहले यह सलाह भी देते हैं कि 'बेटा पूरी गंभीरता से इंटरव्यू देना ' परिणाम ...आप इतने सीरियस हो जाते हो कि पूरे टाइम अपना मुंह लटकाए रहते हो और आपका उत्साह कहीं दिखाई नहीं देता ....जो इंटरव्यू के लिए बहुत घातक है इसलिए इंटरव्यू में ना तो आप 'ओवर कॉंफिडेंट' दिखें और ना ही 'अंडर-कॉंफिडेंट' ...दोनों परिस्थितियों में आपका चयन नहीं होगा पर यह भी ध्यान रखिये कि आत्मविश्वास (कॉन्फिडेंस) इंटरव्यू के लिए सबसे जरुरी चीज़ है कोई भी इंसान किसी भी बात के लिए 100% कॉंफिडेंट नहीं हो सकता क्योंकि अनिश्चितता प्रकृति का नियम है ....पर इस अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए भी आपको जरुरी कॉन्फिडेंस अपने भीतर विकसित करना ही होगा जरुरी नहीं है कि हर चीज़ में आपके अन्दर से ही कॉन्फिडेंस आये ....कुछ चीज़ों के लिए बाहर से भी कॉन्फिडेंस डवलप करना सीखिए कॉन्फिडेंस 3 बातों से मिलकर बनता है - 1. Conviction 2. Commitment 3.Courage आप इंटरव्यू के लिए चयनित हो गए हैं इसलिए आपको सबसे पहले अपने आप पर भरोसा जगाना होगा कि आप इंटरव्यू निकाल लेंगें अपने ऊपर भरोसा पैदा करने के लिए हम सबको अपना एक 'Believe System' बनाना होगा जो हमें हर दिन एहसास दिलाये कि हाँ यह काम में कर लूँगा आप कितने भी योग्य क्यों ना हों कभी भी 'फाइट' (संघर्ष) करना बंद मत कीजिये I इंटरव्यू बोर्ड यह गहराई से देखता है कि आप इस परीक्षा में सफलता के लिए कितने बैचैन हैं और कितना प्रयास कर रहे हैं खुद को जज करना बंद कीजिये ...Let Them Judge :- इंटरव्यू बोर्ड इसी काम के लिए बैठा है इसलिए बार बार खुद को जज करना और दूसरे से compare करना बंद कीजिये ....क्योंकि जब भी हम ऐसा करते हैं हम अपने कॉन्फिडेंस को बहुत नुक्सान पहुंचाते हैं क्योंकि जब भी हम अपने आप को जज करते हैं तो हम हमेशा अपने आप को दूसरे से कमतर समझते हैं जबकि हमेशा ऐसा नहीं होता ....ऐसा हम इसलिए करते हैं क्योंकि भारतीय संस्कार हमें - Modest होना सिखाते हैं....पर इंटरव्यू के लिए यह नुकसानदायक है इंटरव्यू में बोर्ड और आपके बीच कोई नहीं होता ,...इसलिए यह मत सोचिये कि आपके पहले आया कैंडिडेट कहीं आपसे अच्छा तो नहीं था हम सब Sub-Consciously' इतना ज्यादा बोल देते हैं जितना शायद हमारे शब्द कभी नहीं बोल पाते ...क्योंकि 'बॉडी लैंग्वेज़' की अभिवक्ति शब्दों से कहीं ज्यादा है इसलिए इंटरव्यू के दौरान आपकी 'बॉडी लैंग्वेज' बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है आपके लिए यह जानना बहुत जरुरी है कि 'बॉडी लैंग्वेज' आखिरकार होती क्या है - हम जो भी दिखते हैं वह सब कुछ हमारी बॉडी लैंग्वेज में शामिल होता है ध्यान रखिये कि हम अपनी बॉडी लैंग्वेज को कभी कण्ट्रोल नहीं कर सकते और इसकी कोशिश भी ना करें अन्यथा आप एक विखंडित व्यक्ति दिखने लगने लगेंगें Don't Over Train Yourself - अपने आप को जरुरत से ज्यादा मत सिखाओ अन्यतः आप इंसान नहीं 'रोबोट' लगने लगोगे इंटरव्यू बोर्ड के सामने आप अपने वास्तविक रूप में जाइए ...यदि आप बहुत ज्यादा सीख कर जायेंगें तो बोर्ड को आपका व्यवहार नकली लगेगा जिसका बोर्ड पर नकारात्मक असर पड़ेगा देखिये अगर इंटरव्यू के दौरान आपको डर लगता है तो उसे छुपायें नहीं बस उसे अपने ऊपर हावी ना होने दें - ध्यान रखिये डर सबको लगता है और गला सबका सूखता है ....अपने डर को नकली मुस्कान से छुपाने की कोशिश बिलकुल ना करें इंटरव्यू के दौरान जब भी हम डरते हैं तो क्या करते हैं - 1. हाइपर एक्टिव हो जाते हैं 2. फ्रीज हो जाते हैं ....दोनों स्थिति में आपका इंटरव्यू बर्बाद होना तय है तो इससे निबटे कैसे इंटरव्यू के दौरान अपने डर को कण्ट्रोल करने के लिए 'ब्रीदिंग तकनीक' का इस्तेमाल करें ...अपने आप को 'पेस-अप' और 'पेस - डाउन' करना सीख लें इंटरव्यू के दौरान ना तो अपने हांथों को छुपायें और ना ही इन्हें बहुत चलायें इंटरव्यू के दौरान यदि आप बार बार अपने हाथ हवा में लहराते हैं तो इससे पता चलता है कि आप बोर्ड को dominate करना चाहते हैं और इससे बोर्ड पर बुरा असर पड़ता है . इंटरव्यू क्व दौरान अपने शरीर को बहुत सिकोड़ कर ना रखें ....बॉडी को ओपन रखें ....क्योंकि जिस तरह हमारा दिमाग बॉडी को सिग्नल देता है उसी तरह हमारी बॉडी भी हमारे दिमाग को सिग्नल देती है ....ध्यान रखें कि आपकी बॉडी आपके दिमाग को सही सिग्नल देती रहे इंटरव्यू देते समय कभी भी कुर्सी के कोने पर ना बैठें ....इससे आपको कुर्सी का सपोर्ट नहीं मिलता जिससे हमेशा आपका कॉन्फिडेंस कम बना रहता है इंटरव्यू के दौरान सबसे ज्यादा असर आपकी गर्दन के मूवमेंट का पड़ता है ....कोशिश करें कि पूरे इंटरव्यू के दौरान आपकी गरदन का मूवमेंट कम से कम हो इंटरव्यू के लिए कोई भी कपडे आदर्श नहीं होते - ध्यान रखें Do Not Impress ...Do Not Depress ...Only Express. इंटरव्यू के दौरान आपके कपडे ऐसे होने चाहिए जो आपके व्यक्तित्व को अच्छे से प्रस्तुत करें ....क्योंकि आपके पहले इम्प्रैशन से ही बोर्ड आपके बारे में अपना नज़रिया बना लेता है जो लोग बहुत भड़कीले रंग के कपडे पहन के हैं उनके बारे में यह माना जाता है कि ये व्यक्ति अपने कपड़ों से अपनी कमियों को छुपाना चाहता है यदि आप कोई धार्मिक पहचान चिन्ह धारण करते हैं तो कृपया उन्हें जितना कम दिखायें उतना ही अच्छा इंटरव्यू के दौरान आपको आवाज़ में ये 4 चीज़ें बहुत संतुलित होनी चहिये 1. Rhythm 2.Speed 3.Volume 4.Pitch इंटरव्यू यह जांचने के लिए है कि आप 'सिस्टम में कितने फिट हो सकते हैं' इसलिए कभी भी वर्तमान व्यवस्था को नकारने से बचें इंटरव्यू के दौरान आपको 'इमोशनल फूलिशनेस' (भावनात्मक बेवकूफी) से बचना चाहिए ...इसके लिए जरुरी है कि आपमें 'इमोशनल इंटेलिजेंस' हो इमोशनल इंटेलिजेंस तो बातों से मिलकर बनता है -1.Self Awareness (जागरूकता)2.Empathy (परानुभूति) इंटरव्यू बोर्ड आपमें मुख्य रूप से आपका 'administrative Aptitude' (प्राशसनिक अभिरुचि) जांचता है जो इन पांच चीज़ों से मिलकर बनता है - 1.Longitude 2. Latitude 3. Altitude 4. Attitude 5. Amplitude

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