How to read Newspaper for preparation UPSC

यूपीएससी:-कौन -कौन से न्यूजपेपर व मैगज़ीन पढ़े ???हिन्दी न्यूजपेपर वरीयता के आधार पर -दैनिक जागरण का राष्ट्रीय सस्करण,जनसत्ता ,हिन्दुस्तान तथा दैनिक भास्कर में से कोई एक.....!!! English newspaper -the Hindu,Indian express या time of India क्रमशः वरीयता क्रम के आधार पर में कोई एक न्यूजपेपर हर हाल में पढ़े....English अच्छी नहीं है तो इतनी English सीखिए,ताकि मेन्स का English अनिवार्य पेपर Qualified कर सको.....मेग्जीन- योजना,कुरुक्षेत्र,विज्ञान प्रगति व डाउन टु अर्थ के चुनिंदा आलेख सिविल सर्विसेज क्रानिकल या विजन मासिक पत्रिका,या दृष्टि करेन्ट अफेयर टुडे में कोई एक.....!!! न्यूजपेपर पढ़ने का.....!!वैज्ञानिक तरीका :- दोस्तों सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में न्यूजपेपर का रोल 70% तक हो गया है,ऐसे में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि न्यूजपेपर को कैसे पढ़े कि एक्जाम तक अखबार में एक दिन पढी घटना याद रह जाय......ऐसे में न्यूजपेपर को पढ़ने के तरीके के बारे मे चार लाइनें लिख रहा हूँ.... 1...सबसे पहले तो न्यूजपेपर में क्या पढ़ना है,इसको छान्ट ले,बमुश्किल से हर दिन 15-17 खबरें पढ़ने लायक होती हैं.....आप शपथ खा ले कि राजनीति,खेल,सिनेमा की सनसनीखेज खबरों को नहीं पढेगे.... 2...जब आप खबरों को ध्यान से पढ रहे होते हैं,तब कुछ ऐसे शब्द (terms) आ जाते है,जिसका अर्थ नहीं जानते या ऊपरी तौर पर ही जानते है,तब आप गूगल देवता के पास जाए,जरूरी चीजों को नोट कर ले....मान लिजीए science की खबर में crisper technology का जिक्र हो गया,तो इसे इन्टरनेट से इसका अर्थ जान ले। 3.....किसी स्थान पर कोई बड़ी घटना,दुर्घटना या कोई सम्मेलन हुआ हो.....ऐसे स्थान को मैप में भी देखें और उस स्थान के बारे में कुछ विशेषताएँ भी जान लें। 4...editorial पार्ट सबसे महत्वपूर्ण होता हैं,इसे पढ़ें ही नहीं गहराई से समझने की कोशिश करें ..कुछ अच्छे एडिटोरियल की कन्टिग भी कर लें। दोस्तों आप खाना खाये या ना खाये,पर आप न्यूजपेपर को इगनोर मत करना.....!!! नोट :- एक English newspaper the Hindu /indian express में से एक पेपर हर हाल में पढ़े,एसा ना हों कि prelims के बाद आपको English सीखने के लिए टाइम खपाना पढ़े.....!!! ध्यान दे :- सिविल सेवा 1600मीटर की रैली वाली दौड़ नहीं है.....ना हीं उसेन बोल्ट वाली 100 मीटर की दौड़ हैं.....यह एक मैराथन दौड़ हैं,इसमें वो ही जीतता हैं,जो गति से ज्यादा निरन्तरता पर ध्यान देता है....मेरे कहने का मतलब यहाँ अठारह - अठारह घंटे रटा मार कर सालभर अन्धाधुन्ध तैयारी करने वाला बिरले ही सफल होते हैं......यहाँ वो ज्यादा कमाल दिखाते हैं जो पढ़ते तो आठ दस घंटे ही है पर निरन्तर तीन -चार साल तक,UPSC , mppsc.rpscपेपर भी कुछ इस तरह से बनाती हैं..... !!! Pk25ng

Post a Comment

0 Comments