The Formation &Structure of Parliament(लोकसभा का गठन एवं संरचना की )



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चलिए आगे बढ़ते हैं और आज बात करते हैं लोकसभा का गठन एवं संरचना की 


आर्टिकल 79 के अनुसार संसद में राष्ट्रपति लोकसभा व राज्यसभा शामिल होगा 

लोकसभा की संरचना आर्टिकल 81 संविधान में लोकसभा के संरचना के बारे में यह बताता है 


कि आर्टिकल 331 इस बात का उल्लेख करता है कि लोकसभा में 552 अधिकतम संख्या होंगे जिसमें से 530 राज्यों से प्रत्येक निर्वाचित होकर आएंगे और 20 अन्य केंद्र शासित प्रदेशों से रहेंगे व दो मनोनीत रहेंगे इस प्रकार 552 का उल्लेख करता है 


कारण यह सात सदस्यों की जो 545 प्लस 7 का होगा यह 7 सदस्य पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का क्षेत्र है जो पाकिस्तान के पास है इसकी वजह से यह 7 सदस्य आते हैं 




एमएचआरडी मानव संसाधन मंत्रालय इसके एक संगठन सीएसटीटी वैज्ञानिक व तकनीकी शब्दावली आयोग यह सारी किताबों का जो टेक्निकल शब्द हैं उनका शब्दावली बताता है इसको हिंदी में बताने का काम करता है उसी आयोग द्वारा 3 साल पहले फर्स्ट फॉर द पोस्ट का हिंदी नाम अग्रता ही विजेता दिया गया है 


लोकसभा के सदस्यों का चुनाव इसी विधि द्वारा किया जाता है कई बार इसे लोगों का सदन भावनाओं का सदन निम्न सदन आदि कहा जाता है


 लोगों की सभा इसलिए कहा जाता है क्योंकि लोकसभा के सदस्य जनता द्वारा चुन करके आते हैं


 राज्यसभा में एक चेयरमैन डिप्टी चेयरमैन और  secretary जनरल होते हैं यह  वयस्क मताधिकार द्वारा चुने जाएंगे इस चुनाव को आम चुनाव भी कहा जाता है क्योंकि आम जनता भाग लेती हैं






भारत में पहला आम चुनाव अक्टूबर 1951 फरवरी 1952 में हुआ अब तक भारत में 16 आम चुनाव हो चुका है 

भावनाओं का सदन लोगों की भावनाएं इस सदन में दिखाई देता है इस कारण इसे भावनाओं का सदन कहा जाता है हमारी पहली लोकसभा 17 अप्रैल 1952 को गठित हुई थी 



61 वा संविधान संशोधन द्वारा हमने वयस्क की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी


 जबकि 13 मई 1952 को लोकसभा की पहली बैठक हुई लोकसभा का जनक GV मावलकर  को कहा जाता है गणेश वासुदेव को संसद का जनक कहा जाता है 

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और यह लोकसभा के पहले प्रोटेम स्पीकर थे और  जब अध्यक्षता की बात आई तो हमने इन्हीं को लोकसभा का प्रथम अध्यक्ष भी बनाया


 प्रोटेम स्पीकर के दो काम होते हैं पहला लोकसभा के अन्य सदस्यों को शपथ दिलाना दूसरा लोकसभा का तब तक अध्यक्षता करना तब तक अध्यक्षता करना जब तक लोकसभा में अध्यक्ष पद भार नहीं संभाल लेता




 16 लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर  कमलनाथ मध्य प्रदेश  से थे लोक सभा के सबसे सीनियर मेंबर होने के कारण इन्हें बनाया गया एकमात्र ऐसे अध्यक्ष हैं जिनको हटाने के लिए प्रस्ताव लाया गया था बाद में प्रस्ताव रद्द कर दी गई




 GV मावलंकर जीएमसी बालयोगी यह दोनों व्यक्ति जब लोक सभा की अध्यक्षता कर रहे  चली आगे बढ़ते हैं थे तब इनकी पदावली के अंदर ही मृत्यु हुई प्रथम लोकसभा चुनाव में उस समय 489 सदस्यों के लिए चुनाव हुई थी उसमें 364 सीट कांग्रेस को मिला था और पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री नियुक्त हुए थे दूसरी पार्टी भाजपा जिसको 16 वां स्थान प्राप्त हुई थी डॉक्टर अंबेडकर डॉक्टर कृपलानी दोनों प्रथम लोकसभा चुनाव हार गए थे



 आर्टिकल 75(3 ) मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के लिए उत्तरदाई होती है लोकसभा में बहुमत दल का नेता ही सरकार बनाती है इस बात का उल्लेख करता है






 आर्टिकल 108 के द्वारा संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा किया जाता है आर्टिकल 118 (4) में इसका उल्लेख मिलता है



राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त अधिवेशन बुलाया जाता है लोकसभा बिल पारित कर दिया हो राज्यसभा ना किया हो इस स्थिति में बुलाया जाता है लोकसभा पारित कर दिया राज्यसभा 6 महीने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है इस स्थिति में बुलाया जाता है संयुक्त अधिवेशन के बाद बिल पारित करने की प्रक्रिया कैसे होगी इसका उल्लेख भी आर्टिकल 108 करता है




 आर्टिकल 109 धन विधेयक राज्यसभा में पहले नहीं रखा जाएगा मतलब पहले लोकसभा में रखा जाएगा क्योंकि जनता का पैसा कैसे खर्च करना है इसलिए सबसे पहले जनता के सभा में रखा जाता है




 सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी है कि संविधान की व्याख्या करना


 आर्टिकल 110 कोई भी विधेयक धन विधेयक है कि नहीं इसका निर्णय लोकसभा अध्यक्ष करता है और निर्णय अंतिम होता है धन विधेयक को न्यायालय में चुनौती की जा सकती है उदाहरण 2017 में आधार को कांग्रेसमें कोर्ट में चैलेंज किया था सुमित्रा महाजन जी अध्यक्षता अध्यक्षता कर रही थी इस के संदर्भ में संयुक्त अधिवेशन नहीं बुलाया जाएगा 





  लोकसभा का कार्यकाल

 लोकसभा का कार्यकाल वैसे 5 सालों का होता है लेकिन राष्ट्रपति लोकसभा को विघटित कर सकता है  


लोकसभा मेंबर बनने की योग्यता होनी चाहिए

 भारत का नागरिक हो
 25 वर्ष से अधिक उम्र का हो 
बाकी योग्यता का निर्धारण संसद करती है


  राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में लोकसभा का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है 1 साल का कार्यकाल बढ़ सकता है  भारतीय शासन व्यवस्था में  इंग्लैंड के समान वेस्टमिंस्टर मॉडल अपनाया गया है वेस्टमिंस्टर लंदन का वह स्थान है जहां इंग्लैंड की संसद स्थित है इसलिए बेस्ट मियां  वेस्टमिंस्टर का अर्थ सरकार का संसदीय स्वरूप से है स्वतंत्रता से पहले भारत शासन अधिनियम 1935 के माध्यम से भारत में एक अखिल भारतीय संघ और केंद्रीय स्तर पर इस अधिनियम विधानमंडल की गठन की गई थी 

 स्वतंत्रता के बाद हमारे संविधान निर्माताओं ने इस व्यवस्था का अनुसरण किया भारतीय संसद भारतीय शासन व्यवस्था की सर्वोच्च विधाई निकाय है संविधान के भाग 5 के तहत आर्टिकल 69 से आर्टिकल 122 तक लोकसभा के गठन संरचना कार्यकाल संबंधित अधिकारियों की प्रक्रिया अधिकार व शक्तियों का उल्लेख मिलता है 




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आज हमने लोकसभा की संरचना लोकसभा के सदस्यों की कार्यकाल उनकी योग्यता के बारे में चर्चा किया इसके अगले अध्याय में हम राज्यसभा के सदस्य टोटल सदस्य उनके कार्यकाल मनोनीत सदस्य उनकी योग्यता और अधिक विषयों पर जानेंगे तब तक आप अपना ख्याल रखिए धन्यवाद



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