उप प्रधानमंत्री (Deputy Prime Minister)

चलिए चर्चा को आगे बढ़ाते हैं और बात करते हैं उप प्रधानमंत्री की 




संविधान में इसका कोई प्रावधान नहीं है परंतु कभी-कभी संवैधानिक प्रावधानों से हटकर यह उप प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जाती है ताकि प्रधानमंत्री के ना रहने पर प्रधानमंत्री के कार्यों का निर्वहन  करता है यह मंत्री मंडल का वरिष्ठ व्यक्ति होता है यह पीएम की मृत्यु या त्यागपत्र के बाद उसके स्थान में रहकर प्रधानमंत्री का पद ग्रहण नहीं करता क्योंकि मंत्रिपरिषद का   विघटन हो जाता है 



अब तक आठ व्यक्तियों ने उप प्रधानमंत्री का पद ग्रहण कर चुके हैं जवाहर के समय में सरदार बल्लभ भाई पटेल 1947 से लेकर 1950 तक  उप प्रधानमंत्री के पद पर रह चुके हैं


 मंत्रिमंडल द्वारा  उप प्रधानमंत्री पद का सृजन किया गया परंतु अब तक उप प्रधानमंत्री नियुक्त  किए जाने वाले व्यक्ति की संख्या आठ है इसका कारण यह है कि 1979 में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई दो लोगों को  उप प्रधानमंत्री नियुक्त किए थे चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम चौधरी देवीलाल बीपी सिंह और चंद्रशेखर के कार्यकाल में  उप प्रधानमंत्री बनाया गया था अंतिम लाल कृष्ण आडवाणी 21 जून 2002 से  2004 तक वाजपेई के सरकार में उप प्रधानमंत्री   बनाया गया  चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं 



किचनकेबिनेट  और आंतरिक कैबिनेट 


की इसमें 15 से 20 महत्वपूर्ण मंत्री शामिल होते हैं यह भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री के पास एक किचन केबिनेट रहा है यह औपचारिक रूप से निर्णय लेने वाले उच्चतम संख्या के साथ-साथ सत्ता का मुख्य केंद्र भी है इसमें जरूरी नहीं कि सभी कैबिनेट मेंबर ही हो परिवारिक व मित्र सदस्य भी हो सकते हैं गोपनीयता रखता है प्रधानमंत्री की सहायता मिलती है 






आज हमने भारत के उप प्रधानमंत्री के बारे में विस्तार से चर्चा की इसके अगले पोस्ट में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे तब तक आप सब अपना ख्याल रखिए खुश रहिए धन्यवाद

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