मध्यप्रदेश के सतना की रहने वाली सुरभि गौतम ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 50वीं रैंक हासिल की है. वकील पिता और शिक्षिका मां की बेटी सुरभि वर्तमान में रेलवे के जबलपुर डिविजन में सिग्नलिंग डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं. बचपन से ही पढ़ाई में होशियार सुरभि ने 2013 में भरतीय अभियांत्रिकी सेवा आईईएस में पूरे भारत में पहला स्थान हासिल किया था. इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर की परीक्षा में भी सुरभि ने पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल किया था. रेलवे से पहले सुरभि भाभा एटोमिक रिसर्ट सेंटर में भी एक साल काम कर चुकी हैं.
अपनी सफलता के बारे में सुरभि ने कहा कि 12वीं तक गांव में हिंदी मीडियम में पढ़ाई करने के बाद इंग्लिश में काम करना बेहद परेशानी भरा था. लेकिन यूपीएससी परीक्षा में कुछ सवाल ऐसे थे जिन्होंने उन्हें सफलता के इस मुकाम तक पहुंचाया. सुरभि के अनुसार पढ़ाई के लिए घरवालों ने काफी मोटिवेट किया, जिसमें मां का अहम किरदार था. सुरभि की मां ने हाल ही में पीएचडी पूरी की है, जिसके चलते घर में पढ़ाई का माहौल था.
सुरभि ने कहा कि आपको पता होना चाहिए कि, आपको कहां रूकना है. लेकिन घर में मां ने कभी किसी सफलता का जश्न मनाने नहीं दिया, क्योंकि उनका कहना था कि अभी रुकना नहीं है. दूसरी च्वाइस आईपीएस की थी तो एग्जामिनर ने पूछा कि आईपीएस क्यों, इस पर सुरभि का जवाब था कि उन्होंने किरण बेदी की आत्मकथा पढ़ी थी जिससे वे बहुत प्रेरित हुईं. सुरभि ने अपनी पसंद में 8 हॉबीज लिखीं थीं जिसके बाद अधिकारियों ने उनसे पूछा कि पढ़ने के अलावा समय मिल जाता है, तो सुरभि ने कहा कि नॉवेल रीडिंग, कविता लेखन, पेंटिंग, रंगोली, स्पोर्ट्स उन्हें बेहद पसंद हैं और खुद के लिए समय निकालना भी बेहद जरुरी है.

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