Local government and its function(स्थानीय स्वशासन)

चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं पंचायती राज एवं जिला नियोजन समिति की स्थानीय स्वशासन का जनक लॉर्ड रिपन ने 1882 में एक प्रस्ताव रखा था स्थानीय संस्थाओं की मजबूती हेतु एक अंग्रेज अधिकारी भारतीयों के लिए ऐसा करता है इस कारण पूरे भारत में लोकल गवर्नमेंट का जनक कहा जाता है



 रिपन प्रस्ताव इस प्रस्ताव  को स्थानीय स्वशासन का मैग्नाकार्टा कहा जाता है मैं नगरीय स्थानीय संस्थाओं के साथ-साथ ग्राम पंचायत न्याय पंचायत एवं जिला स्तर पर जिला बोर्ड का गठन प्रस्ताव रखा गया था लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण एवं सामुदायिक विकास कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु पंचायती राज व्यवस्था को शीघ्र प्रारंभ किया जाना चाहिए  Balwant Rai Mehta Samiti 1957




 स्थानीय स्वशासन की
 जिसमें ग्रामीण क्षेत्र पर 
1.ग्राम पंचायत 
2.ब्लॉक पंचायत एवं 
3.जिला पंचायत रहेगी







 तथा नगरीय क्षेत्र पर
1.नगर पालिका
2.नगर पंचायत
3.एवं नगर निगम रहेगा


# भारतीय ग्रामीण प्रशासन हेतु पंचायत व्यवस्था का उल्लेख ऋग्वेद में किया गया मतलब ऋग्वेद के गांव प्रशासन की आधारभूत इकाई  है

#वायसराय लॉर्ड मेयो 1827 में प्रशासनिक दक्षता लाने के लिए शहरी नगर पालिका में निर्वाचन प्रतिनिधि की अवधारणा प्रारंभ की संविधान सभा में पंचायती राज व्यवस्था का समर्थन प्रसिद्ध गांधीवादी श्री मन्रारऻयण अग्रवाल ने किया

DPSP में आर्टिकल 40 जोड़ा गया और शामिल किया गया भारत में जीसी कुमारवया को गांधीवादी आदर्शों के आधार के साथ ही भारत शासन अधिनियम 1919 पंचायतों को हस्तांतरित विषय के रूप में शामिल किया गया संबंधित विषय पर कानून बनाने की  अधिकार प्रांतीय विधायकों को सौंप दी गई




# इन्हीं प्रावधानों के अनुरूप 1920 ---1930 के मध्य  मद्रास बिहार बंगाल असम पंजाब पंचायती राज्य की स्थापना संबंधी कानून   बनाए गए




  स्वतंत्रता के बाद


#.स्थानीय स्वशासन डी पी एस सी का हिस्सा है   राज्य सूची का विषय है आर्टिकल 40--- राज्य ग्राम पंचायतों का गठन करेगा यह फिलासफी गांधीवाद के ग्राम स्वराज से संबंध रखता है

#  2 अक्टूबर 1952 में सामुदायिक विकास कार्यक्रम फोर्ड फाउंडेशन के सहयोग से स्थापित की गई 1953 राष्ट्रीय साविस्तार योजना जैसे कार्यक्रम लागू किए गए इनका उद्देश्य गांव का विकास था यह दोनों कार्यक्रम कहां तक सफल रहे इसकी जांच ज के लिए 1957 में  बलवंत राय मेहता समिति का गठन किया गया बाद में यह गुजरात के सीएम बने 

 इन्हीं की अध्यक्षता में बलवंत राय मेहता समिति का गठन किया गया इसी समिति की सिफारिश पर 2 अक्टूबर 1959 को पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी  गांव में सर्वप्रथम पंचायती राज यानि पंचायत का उद्घाटन किया गया


 इन्होंने ही लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण शब्द दिया इसी कारण इन्हें लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का जनक जाता है जांच में पाया कि दोनों कार्यक्रम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में पूर्णता असफल रहे कारण पूछा गया तब उन्होंने बताया की प्रशासन का इतना ज्यादा हस्तक्षेप है कि जनता दूर तक नजर नहीं आती जन सहभागिता ना होने पर किसी भी कार्यक्रम को सफल नहीं बनाया जा सकता उन्होंने कहा यदि आप लोकतांत्रिक को संविधऻनिक करने की वजह इसे विकेंद्रीकरण यानी बिखेर दो और पंचायती राज्य व्यवस्था को शीघ्र   प्रारंभ किया जाना चाहिए




 तीन स्तरीय संरचना कॉन्स्टिट्यूशन में लिखा हुआ है
1.ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत जिसका प्रमुख सरपंच और उपसरपंच होंगे
2.मध्यवर्ती स्तर पर ब्लॉक पंचायत या पंचायत समिति जिसका प्रमुख प्रधान उपप्रधान होगा
3.उच्चतम स्तर पर जिला परिषद जिसका प्रमुख जिला प्रमुख एवं उप जिला प्रमुख होंगे


 सरकार का इसमें न्यूनतम हस्तक्षेप हो और वह केवल निरीक्षण मार्गदर्शन व उच्च स्तर की योग्यता बनाए ताकि अपने आप को सीमित रखें और उनकी यह सिफारिश मान ली गई इस तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारत में पंचायती राज्य का जनक कहते हैं

 सरपंच का चुनाव कैसे होगा राज्य का विधान मंडल तय करेगा इसका चुनाव अप्रत्यक्ष होंगे

 

73 संविधान संशोधन 1992 लागू हुआ 1993
प्रधानमंत्री राजीव गांधी  यह चाहते थे कि पंचायती राज संस्थाओं को कैसे मजबूत किया जाए  राजीव गांधी की विधि जानकर लक्ष्मण एम सिधवी  की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया और काम दिया गया कि कैसे पंचायती राज्य को मजबूत किया जाए एलएम सिंघवी ने कहा जब तक आप संविधान में संशोधन नहीं करोगे तब तक ऐसी संस्थाएं सफल नहीं हो सकती इस समिति ने कहा लेकिन सर्वप्रथम पंचायती राज्य संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने की बात अशोक मेहता समिति ने कही थी 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार द्वारा 


 एल एम सिधवी समिति 1986 राजीव गांधी की सरकार एलएमवी समिति की अध्यक्षता में एक और अलग समिति का गठन होता है इसी समिति के अनुशंसा पर पंचायती राज्य हेतु 64 वा संविधान संशोधन एवं  वह नगर पालिका  हेतु 65 वा संविधान संशोधन को संवैधानिक दर्जा हेतु संविधान संशोधन विधेयक 1989 लोकसभा में लाए गए 1989 में लोकसभा भंग हो गई और 64 और 65 संविधान संशोधन विधेयक भंग हो गया 



 पारित नहीं हो पाए आने वाले समय में महागठबंधन की सरकार बनी चंद्रशेखर के नेतृत्व में दूसरा बी पी सिंह के नेतृत्व में दोनों सरकार 1 साल चली  काम  कटी 1991 में चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या हो गई पीवी नरसिम्हा राव की अध्यक्षता में कांग्रेस की नई सरकार बनी और यही सरकार राजीव गांधी के सपने को पूरा करने के लिए 64 वा और 65 संविधान संशोधन के स्थान पर 73 और 74 संविधान संशोधन लाये




73 संशोधन बिल संविधान संशोधन 1992
 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ  इसी कारण 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है 



#.पंचायती राज्य को संवैधानिक दर्जा मिल गया कार्यकाल योग्यता नियम  कानून क्या होगा सब कुछ कॉन्स्टिट्यूशन में लिख दे दिया गया कोई राज इसके अनुरूप में काम नहीं करती 


 क्योंकि  कोर्ट में इसको चैलेंज दिया जा सकता था संवैधानिक स्टेटस के द्वारा आर्टिकल 243 मे 246 (0) तक नए आर्टिकल जोड़े गए कुल 16 अनुच्छेद शामिल हैं इसके द्वारा संविधान में 11वीं अनुसूची तथा भाग 9 जोड़ा गया ग्राम सभा का गठन आर्टिकल 243 डिफाइन करता है वह 243a इनके कार्यों का उल्लेख करता है 



1 ग्राम पंचायत में जितने भी गांव आते हैं  उसकी  मतदाताओं के समूह को ग्राम सभा कहते हैं साल में इनके दो बैठक जरूरी है दोनों बैठकों के बीच 6 महीने का अंतर रहे ग्राम सभा की बैठक की अध्यक्षता सरपंच करता है 

कोरम 1 बटा 10 हो 

#. ग्राम सभा के कार्यों के निर्धारण राज्य का विधान मंडल तय करेगा मतलब संविधान में इसका उल्लेख नहीं है आर्टिकल 243 में ग्राम सभा को परिभाषित किया गया है इसके अनुसार यदि कोई राज्य चाहता है वह बैठकों की संख्या बढ़ाई जा सकती है बैठक बढ़ा सकता है 

#73 वा संविधान संशोधन द्वारा यह डिसाइड किया गया कि वह राज्य की जनसंख्या 20 लाख से कम है वहां पंचायत ग्राम पंचायत समितिया मध्यवर्ती संरचना लागू करना अनिवार्य नहीं है

#.ग्राम पंचायत के उपाध्यक्ष त्रिस्तरीय पंचायत राज्य पंचायत समिति जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव   अप्रत्यक्ष रूप से होगा

 ग्राम पंचायत अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष होगा इसका निर्धारण राज्य विधान मंडल द्वारा किया जाता है

#.रिजर्वेशन 73वां संविधान संशोधन में एससी एसटी को Based on पापुलेशन पर तथा महिलाओं को 1/3   हिस्सा reserve किया गया ओबीसी को रिजर्वेशन देना  या ना देना राज्य विधानमंडल पर निर्भर करता है 

#.📀मध्यप्रदेश पहला राज्य जहां महिलाओं को एक बटा दो यानी कि 50% रिजर्वेशन है अब तो  12,13 state ऐसे हो गए हैं पंचायत राज संस्थाओं के लिए


#.आर्टिकल 110 संविधान संशोधन द्वारा पंचायत राज संस्थाओं में महिला आरक्षण को 1/3 से 1/2  करना प्रस्तावित है

#.  आर्टिकल 243(F) पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होना चाहिए  शेष योग्यता की जिम्मेदारी राज्य विधानमंडल का होगा

#.राजस्थान में उम्मीदवार के 2 से ज्यादा बच्चे नहीं होने चाहिए और वहां शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गई है पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव लड़ने के लिए बाद में हरियाणा सरकार  ने इस तरीके से नियम लागू किया 


आर्टिकल 243(E) के कार्यकाल का व्याख्या करता है इसका कार्यकाल 5 वर्षों का होगा लेकिन इन 5 वर्षो के अंदर यदि कोई पंचायती राज संस्थाओं का पद किसी कारणवश रिक्त हो जाता है तब राज्य विधानमंडल 6 महीने के अंदर चुनाव करवाएगा इनका कार्यकाल पहली बैठक से शुरू होकर 5 वर्ष चलती है यह 5 वर्ष की अवधि 1 से मानी जाएगी

  इनके कार्यों की आर्टिकल 243 (G) के तहत इन संस्थाओं के लिए 29 कार्य निर्धारित किए गए इन 29 कार्यों का उल्लेख ग्यारहवीं अनुसूची में है
 यह राज्य विधानमंडल  तय करेगा कि इन संस्थाओं को 29 में से कितने कार्य दिए जाएं 



#राज्य वित्त आयोग का गठन आर्टिकल 243(I) 74वां संविधान संशोधन से संबंधित हैं  इसके तहत राज्य स्तर पर राज्य वित्त आयोग की स्थापना का प्रावधान किया गया है  राज्यपाल इसका गठन करते हैं इसकी सदस्य संख्या संविधान में निर्धारित नहीं है यह आयोग पंचायत राज संस्थाओं तथा नगर पालिकाओं को वित्तीय अनुदान राज्य के संचित निधि निधि से उनके भाग का निर्धारण इन संस्थाओं की वित्तीय मजबूती हेतु सुझाव देने तथा राज्यपाल द्वारा दिए गए अन्य कार्यों को करते हैं 





 राज्य निर्वाचन आयोग का गठन




 राज्य निर्वाचन आयोग का गठन आर्टिकल 243(K)  में इसका उल्लेख है के तहत यह एक सदस्य आयोग है राज्य निर्वाचन आयुक्त  इसका पद नाम है और यह राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाएगा भारतीय प्रशासनिक अधिकारी इस पद पर नियुक्त किए जाते हैं कार्यकाल 5 वर्ष सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष और राज्य निर्वाचन आयुक्त को उसी प्रकार हटाया जाएगा जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के जज को हटाया जाता है संविधान में इनकी योग्यता उल्लेख नहीं है और इनकी समय अवधि निर्धारित नहीं है 




संविधान के अनुसार  निम्न कार्य होंगे 


1.पंचायत राज्य संस्थाओं और नगर पालिका का चुनाव करवाना
2.मतदाता सूची तैयार करना 


73 संविधान संशोधन की संविधान संशोधन  प्रावधानों के तहत नागालैंड मेघालय और मिजोरम में चुनाव नहीं करवाए जाते तथा पश्चिम बंगाल दार्जिलिंग एवं मणिपुर का स्वता ऑटोनॉमस क्षेत्र में भी यह संशोधन लागू नहीं होता यह कंपलीटली 73 वा संविधान संशोधन लागू नहीं होता 


#.पांचवी एवं छठी अनुसूची के तहत यहां पंचायत राज्य संस्था तो हैं पर यहां निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव नहीं करवाई जाती यहां पेसा एक्ट 1996 24 दिसंबर को जो लागू हुआ था अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं का विस्तार अधिनियम पंचायत राज इंस्टिट्यूशन एक्सटेंशन शेड्यूल एरिया 1996 लागू हुआ था वर्तमान में इसमें 11 राज्य शामिल है


चलिए बात करते हैं आर्टिकल 243 ( H) के के तहत इन संस्थाओं को भी कर लगाने की शक्तियां दी गई इन संस्थाओं के Audit की जिम्मेदारी राज्य विधानमंडल पर छोड़ी गई है




जिला नियोजन समिति की डीपीसी डिस्टिक प्लैनिंग कमिशन की 74 संविधान संशोधन द्वारा सूची 243(ZD) के तहत इसकी स्थापना की गई जिला स्तर पर योजना बनाने का काम करती है इसकी सदस्य संख्या संविधान में निर्धारित नहीं है लेकिन इसके चार बटे पांच सदस्य नगरपालिका जिला पंचायत जिला परिषद के सदस्यों के द्वारा चुने जाते हैं 


मध्य प्रदेश के प्रत्येक डीपीसी में कितने सदस्य होते हैं category-wise टोटल 10 में से 10 सदस्य निर्वाचित होंगे 
Category wise 2 total 15 मैं 14 सदस्य निर्वाचित तथा 1 सदस्य  Nominate  होगा



 उदाहरण राजस्थान के प्रत्येक डीपीसी में 3 सदस्य जिलाधीश जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ तथा अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी पदेन सदस्य के रूप में शामिल होते हैं राज्य सरकार प्रत्येक डीपीसी में उस जिले के संसद  व विधायकों में से दो व्यक्तियों को डीपीसी में मनोनीत करती हैं 



यानी कि 3+2 +20  यानी कि 3 पदेन 2 मनोनीत और 20 निर्वाचित यानी के टोटल 25 सदस्य होते हैं राजस्थान में जिला प्रमुख यानी की डीपीसी का अध्यक्ष होता है यह मध्य प्रदेश में यही जिला प्रमुख डीपीसी की अध्यक्ष होता है


 1.एक स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में कौन-कौन शामिल है इसमें केरल जम्मू एंड कश्मीर त्रिपुरा मणिपुर सिक्किम ग्राम पंचायत 

 2.दो स्तरीय पंचायती राज संस्थाएं असम उड़ीसा मध्य प्रदेश कर्नाटक हरियाणा जहां ग्राम पंचायत और पंचायत समिति होती है

3.त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्था में केवल उत्तर प्रदेश शामिल है 

4. चार त्रिस्तरीय पंचायती में पश्चिम बंगाल है जिसमें चौथा नंबर आंचलिक परिषद होता है


 गुजरात में त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाएं हैं ग्राम पंचायत तालुका समिति एवं जिला परिषद 
#मेघालय मिजोरम नागालैंड में पंचायतों नहीं बलिक एक स्तरीय जनजाति परिषद कार्यारत
#.दार्जिलिंग में गोरखा पर्वतीय परिषद विद्यमान है






आज हमने पंचायती राज से संबंधित हर एक पहलू को बारीकी से पढ़ा और समझा मुझे आशा है कि आप लोगों को पसंद आया होगा आप लोगों को समझ में आए होगै इसके अगली पोस्ट में आर्टिकल में हम भारत में न्यायपालिका यानी कि जड़ेश्वरी सिस्टम इन इंडिया इस आर्टिकल के साथ आगे बढ़ेंगे तब तक आप अपना ख्याल रखिए बहुत-बहुत धन्यवाद.............. 
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