संवैधानिक पीठ ( constitutional bench)

                         संवैधानिक पीठ 





 5 या अधिक न्यायाधीशों के पीठ को संविधान पीठ कहा जाता है संविधानिक पीठ आर्टिकल 143 के तहत संविधान की व्याख्या से संबंधित मामले में इस प्रकार के पीठ गठित की जाती हैं इसमें कम से कम 5 न्यायाधीश होते हैं 


आर्टिकल 145 के अनुसार यह पीठ बहुमत से निर्णय लेती है सामान्यता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस इस पीठ के अध्यक्ष होते हैं ज्यादा बार संविधान पर 5 ,7 ,9 ,11 ,13 ...के सिक्वेंस में गठित की जाती हैं ताकि बहुमत मिल सके संविधान पीठ का गठन मुख्य न्यायाधीश ही कर सकते हैं 


जे चेलामेश्वर


 ---- सुप्रीम कोर्ट के जज थे उनके बेंच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा उत्तर प्रदेश के मेडिकल छात्र द्वारा जलेश्वर साहब बोले नहीं केवल वह इस पर निर्णय नहीं दे सकते 

तो सुप्रीम कोर्ट का मामला है दीपक मिश्रा ने 1 घंटे बाद संविधान पीठ का गठन किया और   जे चेलामेश्वर  वाले  बेंच को रद्द कर दी उन्होंने कहा संविधान पीठ का गठनगठन केवल Chief Justice ही करेगा


 उच्चतम न्यायालय की प्रक्रिया 


#.सोमवार और शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे से लेकर तब तक चलता है जब तक काम खत्म ना हो जाए लेकिन मंगलवार बुधवार और गुरुवार यह समय 10:30 बजे से4:30 बजे तक ही रहता है 

केशव नंद भारती वाला बाद 1973 के मामले में 13 न्यायाधीशों की संविधान पीठ का गठन किया गया था अब तक का सबसे बड़ी संवैधानिक पीठ है तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश  SM सेकरी इस पीठ के अध्यक्ष थे हिंदुस्तान के इतिहास में से दो बार हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने 1:30 बजे रात  में जागकर सुबह 5:30 बजे तक इन मामलों में चर्चा की 



याहुन मेमन मामला इनको फांसी दी जाने वाली थी अर्जेंट मामला

 था और दूसरा कर्नाटक में येदुरप्पा को शपथ दिलाने के मामले में


  Article 145 और 146 की 


145 सर्वोच्च न्यायालय को शक्ति दी गई है कि वह अपने कार्य   प्रक्रिया आदि से संबंधित नियम स्वयं बनाएगा इसी कारण सुप्रीम कोर्ट के सारे प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को है


 इस के संदर्भ में 2 शर्ते हैं पहले नियम राष्ट्रपति के अनुमोदन से ही बनाए जा सकते हैं

 और दूसरा संसद द्वारा निर्मित विधियों के विरुद्ध नहीं होने चाहिए


 अब हम बात करते हैं रोस्टर प्रणाली


 चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया कौन सा मामला किसके पास जाना चाहिए इसका निर्धारण सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस करेंगे जनवरी 2018 के press conference में इस मामले को ज्यादा फोकस किया गया चीफ जस्टिस  ही रोस्टर का आवंटन करते हैं 

 आर्टिकल 146    के तहत उच्चतम न्यायालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की  भार्ती और सेवा शर्तों का निर्धारण भारत के मुख्य न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नियुक्त  अन्य न्यायाधीश करते हैं ! 




 आज हमने संविधान पीठ का बहुत अच्छे से डिस्कशन किया इसके अगले पोस्ट में हम न्यायाधीशों को हटाने का न्यायाधीशों को हटाने हेतु प्रस्ताव का साथ ही वेतन व भत्ते के बारे में अच्छे से डिस्कशन करेंगे तब तक आप सब अपना ख्याल रखें धन्यवाद

Emogi :

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